कंप्यूटर का इतिहास और उसका विकास (History and Development of Computer)
दोस्तों किसी भी चीज का निर्माण एक दिन में नहीं होता है। उसके निर्माण में वर्षों लगते हैं। वैसे ही आज हम जिस Computer का उपयोग करते हैं यह कोई एक दो दिन में नहीं बनाये गए हैं। इस ही History of Computer कहते हैं।

Computer इतिहास की जानकारी उस समय से मिलता है। जब मनुष्य ने बड़ी-बड़ी संख्याओं गणना करने का प्रयास किया था। बड़ी-बड़ी समस्याओं को गणना की इस प्रक्रिया में गणना की विभिन्न सदस्यों को जन्म दिया। जैसे-
बेबीलोनियन गणना प्रणाली,
यूनानी गणना प्रणाली,
रोमन गणना प्रणाली,
भारतीय गणना प्रणाली
इनमें से भारतीय संख्या प्रणाली (Indian Number System) सभी जगहों पर स्वीकार किया गया है। यही आधुनिक दशमलव संख्या प्रणाली (0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9) का आधार है। जहां आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि कंप्यूटर दशमलव संख्या प्रणाली (Decimal Number System) नहीं समझता है। और काम करने के लिए गणना की द्विआधारी प्रणाली अर्थात बाइनरी संख्या प्रणाली (Binary System) का प्रयोग करता है।
कंप्यूटर का इतिहास (History of Computer)
प्राचीन समय से ही गणना का प्रचलन देखने को मिलता है। पहले लोग गणना करने के लिए लकड़ी, पत्थर, उँगलियों, और हड्डियों का उपयोग करते थे। उसके बाद गणना करने के लिए एक यन्त्र का अविष्कार किया गया। जिसे आज हम Abacus नाम से जानते हैं। जिसे चीन और जापान जैसे अन्य देश गणना कार्यों में उपयोग में लाते हैं।
कंप्यूटर के विषय में गणना हेतु प्राचीन कंप्यूटर से लेकर आधुनिक कंप्यूटर का विकास किया गया। जो आज भी मानो उपयोगिता को सरल बनाने हेतु निरंतर सूचना और प्रौद्योगिकी के रूप में आगे बढ़ रहा है।
अबेकस क्या है? (What is Abacus)
प्राचीन काल में गणना करने के लिए कई प्रकार के Calculating Machine का उपयोग किया गया। Abacus का उनमें सबसे प्रमुख रहा है। जिसका एशिया के कई देशों में आज भी प्रयोग होता है। हालांकि आविष्कार बेबिलोनियन में 3000 वर्ष पूर्व हो गया था। परंतु जिस रूप में हम सबसे अधिक परिचित हैं उसे china में पहली बार लगभग 500 वर्ष पूर्व विकसित किया गया था। चीन में इसे Calculating कहा जाता है।

यह डिवाइस मुख्य रूप से लकड़ी के फ्रेम में बनी होती है। जिसमें कई धातु की छड़ लगी होती है। जिन पर लकड़ी या मिट्टी से बने मोतियों को पिरोया गया होता है। इसके चित्र में आप देखेंगे मोतियों को एक केंद्र छड़ी जिसे बार कहते हैं, की मदद से विभाजित किया जाता गया है। इन मोतियों को नियम के हिसाब से ऊपर नीचे करके ही बुनियादी अंकगणितीय गणनाये जैसे जोड़ और घटाव किया जाता था।
नेपियर बोंस (Napier Bones)
नेपियर बोंस क्या है? (What is Napier Bones)
Calculation को आसान करने में एक मुख्य बदलाव तब आया जब एक स्कॉटलैंड के गणितज्ञ Jhon Napier ने सन 1617 ईस्वी में एक बेहद ही खास मशीन Jhon Napier Bones का आविष्कार किया। इस कैलकुलेटिंग यंत्र की मदद से गुणा और भाग किया जा सकता था।
यह और कुछ नहीं बल्कि हड्डी या लकड़ी का एक टुकड़ा था जिस पर अंको को प्रिंट किया गया होता था। जिसमें क्रमशः 0 से 9 पहाड़े लिखे होते थे। यह यंत्र Napier Bones के नाम से जाना जाता है। इसे ‘Rabbology’ भी कहा जाता है, जो Jhon Napier द्वारा अविष्कृत एक शब्द है।
स्लाइड रूल (Slide Rule)
स्लाइड रूल क्या है? (What is Slide Rule)
अंग्रेजी गणितज्ञ Admund Guntur ने Slide Rule या विसर्पी गणक विकसित किया। एडमंड गुंटर ने सबसे पहले Logarithmic Rule को तैयार किया।
यह मशीन जोड़ घटाव गुणा भाग जैसे क्रिया कर सकती थी । इसे 16 वीं शताब्दी में यूरोप में व्यापक रूप से प्रयोग में लाया गया। सन 1620 में Slide Rule जिसे संयुक्त राज्य अमेरिका में, बोलचाल के रूप में भी जाना गया, यह एक यांत्रिक एनालॉग कंप्यूटर (Machanical Analog Computer) होता है।

Slide Rule ग्राफिकल Analog Computer के रूप में, नोमोग्राम से संबंधित था। लेकिन पूर्व में इसका उपयोग मुख्य रूप से सामान्य गणनाओं जैसे गुणन और विभाजन के साथ Root, Logorithm, और त्रिकोणमिति जैसे गणना कार्यों के लिए भी किया जाता था। इसके अतिरिक्त जोड़ और घटाव के लिए नहीं। बाद में इसका अनुप्रयोग विशिष्ट गणनाओं के लिए किया गया।
यह यंत्र लघुगणक विधि के आधार पर कार्य करता था। बीसवीं शताब्दी के आठवें दशक में Electronics Computer का आविष्कार होने पर इसका प्रयोग बंद हो गया।
पास्कलाइन (Pascaline)
पास्कलाइन क्या है? (What is Pascaline)
शताब्दियों बाद अनेक यांत्रिक मशीनें अंकों की गणना के लिए विकसित की गई। आपने शायद Blaise Pascal का नाम सुना होगा। उसने 19 वर्ष की आयु में एक मशीन Pascal Computer बनाई जो जोड़ और घटाने का काम कर सकती थी। इस मशीन में पहिए, गियर और सिलेंडर हुआ करता था। 17 वीं शताब्दी में फ्रांस के गणितज्ञ ब्लेज पास्कल ने एक यांत्रिक आंकिये गणना यंत्र मैकेनिकल डिजिटल केलकुलेटर 1662-1644 में विकसित किया। इस मशीन को एडिंग मशीन कहा जाता था। क्योंकि यह केवल जोड़ सकती थी। यह मशीन घड़ी और ऑडोमीटर के सिद्धांत पर कार्य करती थी। ब्लेज पास्कल कि इस एडिंग मशीन को पास्कलाइन का नाम दिया गया। जो सबसे पहला यांत्रिक गणना यंत्र था।

वर्ष 1694 में जर्मन गणितज्ञ व दार्शनिक गोट फ्रेड वॉन लेबनीज ने पास्कलाइन का विकसित रूप तैयार किया। जो जोड़ के अलावा गुणा और भाग भी कर सकता था।
लेबनीज मशीन (Leibniz Machine)
लेबनीज केलकुलेटर क्या है? (What is Leibniz Calculator)
वर्ष 1617 में जर्मन दार्शनिक और गणितज्ञ गोटफ्राइड वॉन लेबनीज ने पास्कल मशीन का अनुसरण कर गणना यंत्र बनाया। जिस पर केलकुलेटर के भागों को सुविधा अनुसार दाएं और बाएं ओर खिसकाया जा सकता था। जर्मन गणितज्ञ गोटफ्राइड वॉन लेबनीज ने यांत्रिक केलकुलेटर का आविष्कार किया था। यह मशीन जोड़ के साथ-साथ गुना व भाग कर सकने में भी समर्थ थी।

लेबनीज ने पास्कल यंत्र में सुधार कर एक जटिल गणना मशीन का निर्माण किया। जिस पर जोड़ के साथ ही गुना व भाग संबंधी गणना करने की गति बहुत तेजी से किया जा सकता था।
जैक्वार्ड लूम मशीन (Jacquard Loom Machine)
जैक्वार्ड लूम क्या है? (What is Jacquard Loom Machine)
सन 1801 में फ्रांसीसी बुनकर जोसेफ जैक्वार्ड ने कपड़े बुनने के ऐसे लूम का आविष्कार किया जो कपड़ों में डिजाइन या पैटर्न स्वतः बना देता था। इस युग की विशेषता यह थी कि यह कार्य बोर्ड के छिद्रित पंच कार्डों के साथ कपड़े के पैटर्न को नियंत्रित करता था।

पंच कार्ड पर छेदों की उपस्थिति या अनुपस्थिति से धागों को निर्देशित किया जाता था।
चार्ल्स बैबेज का डिफरेंस इंजन (Difference engine of Charles Babbage)
डिफरेंस इंजन क्या है? (What is Difference engine)
सन 1823 में ब्रिटिश गणितज्ञ चार्ल्स बैबेज ने गणित की जटिल गणना करने के लिए एक यंत्र का आविष्कार किया। इसे Difference engine कहते थे। बाद में उसने सामान्य कार्यों की गणना करने की मशीन विकसित किया। जिसे Analytical Engine के नाम से जाना जाता था। आइए विस्तार से जानते हैं।

कंप्यूटर के इतिहास में 19वीं शताब्दी के प्रारंभिक समय को कंप्यूटर विकास का स्वर्णिम युग (Golden Age) कहा जाता है। जिसमें ब्रिटिश गणितज्ञ चार्ल्स बैबेज को एक यांत्रिक गणना मशीन का निर्माण करने की आवश्यकता महसूस हुई। जबकि गणना के लिए प्रयुक्त सारणी में त्रुटि थी क्योंकि यह सारणियाँ हाथों से बनाई गई थी। इसलिए उन्हें विभिन्न त्रुटि हुआ करती थी।
चार्ल्स बैबेज ने सन 1822 में एक यांत्रिक मशीन का निर्माण किया था, जो ब्रिटिश सरकार द्वारा संरक्षित किया गया था। इस मशीन को Difference Engine का नाम दिया गया। इस मशीन में गियर और सॉफ्ट लगा हुआ करता था. और साथ ही यह भाप से चलती थी।
एनालिटिकल इंजन (Analytical Engine)
एनालिटिकल इंजन क्या है? (Analytical Engine)
1833 में चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage) ने एक शक्तिशाली मशीन विश्लेषणात्मक इंजन (Analytical Engine) का निर्माण किया, यह डिफरेंस इंजन का एक विकसित रूप था। चार्ल्स बैबेज ने कंप्यूटर के विकास में बहुत बड़ा योगदान दिया। चार्ल्स बैबेज का विश्लेषणात्मक इंजन आधुनिक कंप्यूटर का आधार बन गया। और यही कारण है कि चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage) को कंप्यूटर विज्ञान का पिता कहा जाता है। यहीं से आधुनिक कंप्यूटर युग का आरंभ हुआ।

इस आधुनिक कंप्यूटर के मुख्यतः 5 भाग होते थे-
इनपुट यूनिट, स्टोर यूनिट, एल्गोरिथम यूनिट, कंट्रोल यूनिट और आउटपुट यूनिट
हॉलेरिथ सेंसस टेबुलेटर (Hollerith Census Tabulator)
हॉलेरिथ सेंसस टेबुलेटर क्या है? (What is Hollerith Census Tabulator)
अमेरिकी गणितज्ञ हरमन हॉलेरिथ, जो लेखांकन में शीघ्र गणना कार्य हेतु एक इलेक्ट्रोमैकेनिकल पंच कार्ड (Electromachenical Punch Card) युक्त मशीन का आविष्कार किया है। जिसे वर्ष 1880 में शुरू की गई। अमेरिका की जनगणना में 7 वर्ष से कम समय लगे थे। कम समय में जनगणना के कार्य को संपन्न करने के लिए हरमन हॉलेरिथ ने एक टेबुलेटिंग मशीन (Tabulating Machine) का निर्माण किया। यह पहली यांत्रिक मशीन थी जो विद्युत से चलने वाली मशीन थी।
इस मशीन में (Electromachenical Punch Card) कार्ड का उपयोग किया जाता था। जिसमें पंच कार्डों को विधि द्वारा संचालित किया गया। इस मशीन की सहायता से जनगणना का कार्य केवल 3 वर्ष में संपन्न हो गया।

पंच कार्ड क्या है? हरमन हॉलेरिथ ने अपनी एक कोड विकसित किया, जिसे ‘हॉलेरिथ कोड’ कहा जाता था। इस कोड के द्वारा पंच कार्ड में सूचना का संग्रह करना संभव हो पाया। इन पंच कार्ड में सूचना संग्रहण हेतु जो चित्र होते थे, वह 1 अंक एवं छिद्र नहीं होते थे वह 0 को प्रदर्शित करता था।
कंप्यूटर, इतिहास में, इस पंच कार्ड मशीन निर्माण से भविष्य के लिए सूचनाओं को संग्रहित करना संभव हो सका। पंच कार्ड के अविष्कार करने का श्रेय हरमन हॉलेरिथ को दिया जाता है। सन 1896 में हरमन हॉलेरिथ एक कंपनी का निर्माण किया और कंपनी में टेबुलेटिंग मशीन बेचा करते थे। 1924 में कंपनी अन्य कंपनी से विलय होकर आईबीएम कंपनी बनी।
सन 1911 में संयोजित कंप्यूटिंग टेब्लिंग रिकॉर्डिंग कंपनी। 1924 में आईबीएम कंपनी का नाम दिया गया। जो इंटरनेशनल बिजनेस मशीन कॉर्पोरेशन के नाम से जाने जाने लगी।
एबीसी क्या है? (What is ABC)
सन 1945 में एटानासोफ और किलफर्ड बेरी द्वारा एक डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक मशीन को विकसित किया गया। एटाना सॉफ और क्लिफर्ड बेरी कंप्यूटर, जिससे इंग्लैंड में बनाया गया था। एटानासॉफ बेरी कंप्यूटर (Atanasoff-Berry Computer) सबसे पहला स्वचालित इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर था। जिसका नाम एबीसी (ABC) रखा गया। ABC- शब्द Atanasoff-Berry Computer का संक्षिप्त रूप है।
यांत्रिक और विद्युत संगणक (Machanical and Electrical Computer)
19वीं शताब्दी के प्रारंभ में सभी प्रकार के गणितीय सवालों को हल करने के लिए यांत्रिक संगणक विकसित किया गया था। सन 1960 की शताब्दी तक इसका प्रयोग व्यापक रूप से होता था। बाद में यांत्रिक संगणक के घूमने वाले भाग के स्थान पर विद्युत मोटर लगाई गई। इसलिए यह विद्युत संगणक कहलाता था।
आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर (Modern Electronic Computer)
सन 1960 की शताब्दी में प्रयुक्त Electronic Calculator Electron Tube से चलता था। जो बहुत बड़ा था। बाद में इन ट्यूबों का स्थान ट्रांजिस्टर ने ले लिया। जिसके फलस्वरूप कैलकुलेटरों का आधार बहुत छोटा हो गया।
आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक कैलकुलेटर (Modern Electronic Calculator) गणित के सभी प्रकार के गणितीय कार्य कर सकता है। इसका प्रयोग कुछ आंकड़ों को अस्थाई रूप से सुरक्षित रखने के लिए भी किया जा सकता है। कुछ कैलकुलेटरों में जटिल गणना करने के लिए उनमें अंतर निर्मित क्षमता होती है।
सन 1950 में आधुनिक कंप्यूटर के विकास के साथ यूरोप के बाजार में उतारा गया। सभी कंप्यूटर इलेक्ट्रॉनिक हुआ करते थे। मार्क -1 और इसके आसपास के कंप्यूटर अस्तित्व में आए थे। जैसे ENIAC, EDSAC, EDVAC, LEO, UNIVAC-1 इत्यादि। यह कंप्यूटर विकास की प्रथम पीढ़ी के रूप में माना जाता है।
आपने की सीखा?
दोस्तों आज की पोस्ट में मैंने कंप्यूटर के इतिहास के बारे में जानकारी देने की पूरी कोशिस की है। आशा करता हूँ आपको मेरी आज की पोस्ट अच्छी लगी होगी। अगर अच्छी लगी हो तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें। और अगर किसी प्रकार की कोई प्रश्न हो तो कमेंट करे। धन्यवाद!
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